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(विचार-चिंतन , प्रधान सार्थकता की तलाश धार्मिक धारावाहिकों में , एक कदम सोशल मीडिया पर ) “गुरुकुल संचयिता” धार्मिक धारावाहिकों की कथा धरा समतल पर बहने वाली नदी की धारा की भांति संरस तथा मंद गंभीर होती है , धार्मिकता का रथ जब आगे चलने लगता है तो पद-मद में चुर् दानवों से आहत धरती नव-मंगल सृजन में लग जाती है , ह्रदय में सटीक पंचशील फहरने लगता है , भौतिक जीवन समृद्ध होता है , विज्ञानं का प्रकाश फैलता है , भागवत आध्यात्मिक , रिधि-शिधि फैलाती है , भक्ति और कर्मयोग का समन्वय होने लगता है . धर्मिक धारावाहिकों के मुल्य्परख शिक्षा –जो अत्यंत ही सुपाठ्य , सुग्राह्य , सुसंचित , शोधपरख शैली में डॉ नरेन्द्र भट्ट द्वारा लिखित है , रामायण , महाभारत , श्रीकृष्णा आदि जैसे धारावाहिकों के वर्तमान सन्दर्भ में उपयोगिता , प्रासंगिकता का छिद्रान्वेषी कथोपकथन प्रस्तुत करता है. .गाँधी विद्या मंदिर के उच्च अध्ययन शिक्षा संस्थान मान्य विश्वविद्यालय से “गुरुकुल संचयिता” सोशल मीडिया द्वारा क्षीण होते मूल्यों के पुनरुथान हेतु मूल्य शिक्षा को बढावा देनें के लिए एक प्रयास है | धार्मिक धा